फर्क पड़ता है!



फर्क पड़ता है!


1.       हालतों से फर्क नहीं पड़ता,जज़्बे से फर्क पड़ता है!
2.       आपके अंदर जो विजेता छिपा है आज उसको बाहर निकालते हैं!
3.       आज यदि आप मेरी इन बातों को पूरा पढ़ते हैं, मुझे यक़ीन है की है कि आज के बाद आप की जिंदगी मेँ महत्वपूर्ण बदलाव
आएगा!
4.       हालात कभी एक से नहीं रहते,बस आपका जज़्बा और नजरिया अड़िग रहना चाहिये! आपका नजरिया मौसम की तरह नहीं होना चाहिये, आज ऐसा कल वैसा!
5.       मुसीबते जीवन में आती रहेगी,यह कभी स्थायी नहीं होती, आती हैं- चली जाती हैं मुसीबतों से लड़ने की आपकी ताकत,आपकी छमता,आपकी व्यवहार,आपका जज़्बा वो सबसे महत्वपूर्ण है, वो अड़िग होना चाहिये!
6.       इतिहास गवाह है,जिस किसी ने कमाल किया है,बुरे हलतों से गुजर कर ही किया है! टेढ़े – मेढ़े रास्तो से होकर ही सफलता प्राप्त की है!
7.       23 की उम्र मे भगतसिंग फाँसी पर चढ़ गए! 23 की उम्र में लड़के गर्लफ्रेंड को सेट करने में लगे रहते हैं,कोई इन लड़को को फेस्बूक से आनफ़्रेंड कर दे या किसी ग्रुप्स से निकाल दे न तो डिप्रेसन में आ जाते हैं,23 की उम्र वो लड़का भाग सकता था, कोर्ट में अपील कर सकता था, फाँसी न होती जेल हो जाती, लेकिन “इन्कलाब जिंदाबाद” बोलते हुये पुलिस को सरेंडर कर दिया! क्या कहा मालूम “ आज ऐक भागतसिंग शहीद होगा कल लाखों भगतसिंग पैदा हो जाएगे”! 88 साल हो गए उन्हें फाँसी पर चढ़े! वो करोड़ों भारतियो के दिलों में आज भी जिंदा हैं!
8.       सचिन तेंदुल्कर ने 1994 में अपनी पहली सेंचुरी बनाई थी, 78 वाँ मैच था वो जब पहली सेंचुरी लगी थी और 18 साल लगे थे , तब जाकर 2002 में जाकर 100 वी सेंचुरी पूरी हुई थी, सचिन तेंदुल्कर कहते हैं “100 वी सेंचुरी उनकी सबसे मुसकिल सेंचुरी थी क्योकि 35 मैचस के बाद वो सेंचुरी लगी थी''. लोग उन्हे क्रिकेट का भगवान कहते हैं,  हालात भी उनके लिए भी वैसे ही थे , हालात कैसे भी हो लेकिन फर्क तो जज़्बे से पड़ता है!
9.       महात्मागाँधीजी! महात्मा गाँधी  अकले नहीं थे जो गुलाम थे, सारा हिंदुस्तान,पाकिस्तान,बांग्लादेश सब लोग गुलाम थे, सब लोगो का रोज शोषण होता था, लोगो को रोज धक्के खाने पड़ते थे लेकिन जब महात्मागाँधीजी को एक दिन धक्का दिया गया,आदमी का वो जज़्बा ही था जो कह रहा था अँग्रेज़ो “तुमने आज मुझे ट्रेन से धक्का दिया , एक दिन मैं तुम्हें अपने देश से धक्का दूँगा”!
10.    10 दिसम्बर 1914 थॉमस अल्वायेडिसन की फ़ैक्टरि में आग लग गई और शाम को 5.30 बजे वो उनका बेटा चार्श ये सब अपनी आखों से देख रहे थे, 200 करोड़ का नुकसान हुआ था आज के क़ीमत लगाए तो,थॉमस ने अपने बेटे से कहा “ बेटा अपनी मम्मी को बुला लाओ और अपनी सहेलियों को भी साथ ले आए ये जो आग आज देखेगी वो आग सारी जिंदगी में देखने का मौका न मिले”! मेरी 200 करोड़ की संपति जल रही है मेरी सारी गलतियाँ इस आग में जल गई,67 साल का हूँ मै फिर से शुरू कर सकता हूँ मै! आदमी का थोड़ा सा नुकसान हो जाए तो पूरी जिंदगी एक ढ़ोल की तरह गाता रहता है!
11.    एक आदमी था लान्स आर्म्स्ट्रोंग साइकल रेस सात बार जीती, केंसर हो गया उस आदमी को, उन्हे बहुत ही सिरियस किसम का कैंसर था लोगो ने और डॉक्टर ने उसके बचने की बहुत कम संभावना बताई थी, 18 महीने कीमियो थेरोपी चली और वो कीमियो थेरोपी के दौरान हालात येसे थे कि आदमी खुद से चल फिर भी नहीं सकता था उनको बिस्तर से उठाने और रखने के लिए एक नर्स चाहिये होती थी और बहुत बार यैसा हुआ जहाँ युरोप में जहाँ ट्रीटमेंट चलता था वहा पर हॉस्पिटल के बेड से नीचे गिर जाते थे वो तब तक नहीं उठ पाते थे जब तक नर्स आकार उनको उठाती नहीं थी, कीमियो थेरोपी से उनके बॉडी की पूरी ताकत ख़त्म हो गई थी वो ठंडे फर्स पर गिरे रहे उन्हों ने अपने आप से एक बात कही “तुने एक गलत शरीर चुना है, मैं तुझे एक दिन अपने शरीर से बाहर फेक दूँगा ” हालतों से फर्क नहीं पड़ता जज़्बातों से फर्क पड़ता है
12.    अगर ये सब लोग अपनी विपरीतपरस्थियों और कठिन हालातों के बावजूद कामयाब हो सकते हैं तो आप क्यों नहीं?
13.    कब तक बहाने बनाते रहोगे मरे साथ ये गलत हुआ, मेरे साथ वो गलत हुआ ,सरकार को, अपने पैरेंट्स को,अपने विस्तार को ,अपने शहर को, अपने स्कूल कोअपने  हालातों की आड़ मे अपनी नाकामियाँ छुपाते रहोगे!
14.    आपकी कामयाबी उस दिन शुरू होंगी जिस दिन आप दूसरों को हालतों को अपनी नाकामयाबी के लिए दोष देना बंद कर देंगे!
15.    यदि आपने पूरा शुरू से पढ़ा है आप इस मौके को ग्वाईएगा मत! “आज अभी अपनी जिंदगी को बदलने का निर्णय लो”


मेरे इस छोटे से प्रयास से आपके जीवन में 1% का बदलाव आता है तो मेरे ब्लॉग लिखने का मक़सद सही माइने में पूरा हुआ समझूँगा!





धन्यवाद........!


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