आप जानते हैं “ आप क्या चाहते हैं ?”


आप जानते हैं “ आप क्या चाहते हैं ?
मैं आज आपसे किसी और के बारे में नहीं बल्कि आप अपने बारे में कितना जानते हैं? इस बारे में बात कहूँगा क्योकि लोग अपने बारे में कम दूसरे के बारे में ज़्यादा जानकारी रखते हैं, अगर मै कहूँ कि आप अपने बारे मेँ लिखें आप ज्यादा कुछ नहीं लिख पाएगें, क्योकि कुछ इंसान को छोडकर अधिकतर लोग दूसरे के बारे में जानकारी रखना अच्छा लगता है! जब अपने बारे में बात आती है तब इंसान अपने आपसे भागने लगता है!


जो इंसान अपने आपको स्वयं पहचान लेता है तब उसके जीवन में अमूलचुल परिवर्तन होते हैं, जब तक स्वयं के बारे में नहीं जानता तब तक वह सुख बाहर किसी दूसरे में ढूँढता फिरता है पूरी ज़िंदगी कष्ट उठता रहता है वह इंसान बायहमुखी वक्तित्व वाला कहा जाता है!

जो इंसान जब अपनी स्वयं को पहचान लेता है तब उसमें एक अलग तरह की आंतरिक सुख की अनुभूति होती है और उसे किसी चीज का भय नहीं रहता, किसी भी काम को करने का आत्मबल मजबूत होता है और हर क्षण आनंदित रहता है,उसे अन्तेर्मुखी व्यक्तित्व वाला व्यक्ति कहा जाता है

अब मैं आपसे कुछ प्रशन निचे लिखूंगा उसे अपने आपसे पूछना है! हर एक प्रशन का उत्तर तुरंत नहीं मिलेगा,लेकिन जिस दिन आप इस प्रशन का उत्तर पा जाएंगे उसी समय से आपके आपकी ज़िंदगी में महत्वपूर्ण बदलाव आपको दिखेगा आप अपने लिए रोज कुछ समय निकालकर इन हर एक प्रश्न का उत्तर लिखने की कोशिश करें, कोई जल्दीबाजी ना करें,अपने आपको पूरा समय दें! हर प्रशन लाख रुपए का है!

१॰ क्या आप जानते हो आप क्या चाहते हैं?

२. दुनिया में बिना कुछ दिये कुछ नहीं मिलता! ( आप दुनिया को क्या देकर जाएगे)

३॰ यह उन लोगों को किसी भी क़ीमत पर हासिल नहीं हो सकता जिसके मन में इसकी ख़ोज का कोई इरादा नहीं है!

४॰ इसे दिया नहीं जा सकता और इसे पैसे से ख़रीदा नहीं जा सकता और इसका कारण यह है कि यह दो हिस्सो से
   आता है!

५॰ एक हिस्सा पहले से ही उन लोगों के पास होता है जो इसके लिए तैयार होते हैं! यह रहस्य उन लोगों के लिए समान
   रूप से अच्छी तरह  काम करता है जो इसके लिए तैयार हैं!

६॰ इसका शिक्षा से कोई लेना - देना नहीं है!

७॰ अमीरी आपकी पहुँच से बाहर नहीं है , कि आप भी वह बन सकते हैं जो आप बनना चाहते हैं!

८॰ दौलत , शोहरत , मान-सम्मान और सुख-शांति उन सभी को मिल सकती है जो इन वरदानों के लिए तैयार और दृढ़ संकल्पित हैं

९॰ आपको रहस्य को पहचानने का एक छोटा सा संकेत देगा , यह सुझाव है-

   “ समस्त उपलब्धि , समस्त अर्जित दौलत की शुरुआत एक “ विचार” से होती है!
१०॰यह सच है कि “ विचार ही वस्तु है” और वह बेहद शक्तिशाली वस्तु है ,जब उसके साथ निश्चित लक्ष्य हो, लगन हो  
   और उनके सहारे दौलत या किसी दूसरी भौतिक वस्तु को हासिल करने की प्रबल इच्छा जुड़ी हुई हो!

११. कोई काम करने की प्रबल इच्छा निश्चित होनी चाहिए!

१२॰ बाधाएँ ज़्यादातर लोगों का हौसला पस्त कर देती हैं , और वे अपनी ईच्छा को  हक़ीक़त में बदलने की कोई कोशिश
    ही नहीं करते हैं, छोड़ देते हैं!

१३॰ वर्षो के अनुभव से मैंने सीखा है कि जब कोई व्यक्ति किसी चीज को इतनी बुरी तरह पाना चाहता है कि वह
    उसे पाने के लिए अपना पूरा भविष्य ज़िंदगी के एक ही पाँसे पर दाव पर लगा दे तो उस व्यक्ति की जीत तय है!

१४॰ मनोवैज्ञानिक सही कहते हैं “ जब कोई व्यक्ति किसी चीज के लिए सचमुच तैयार होता है , तो वह चीज आ ही
    जाती है!”

१५॰ इस समय यह पता न हो , परंतु इकलौती इच्छा को प्राप्त करने की आपकी लगन और दृढ़ संकल्प आपको सारी
    बाधाओं के पार ले जाएगी और वह अवसर मिल ही जाएगा जिसकी आपको तलाश है!


 मेरा मक़सद उन चीजों को आपके सामने लाना है जिन चिजों के बारे में कोई बात नहीं करता , किसी स्कूल  में नहीं सिखाया जाता मुझे आशा है मैं आपके अंतर  मन में  चल रही बातों की गहराइयों तक पहुँचने की कोशिश की!


धन्यवाद..........!
   

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